गिने चुने वर्षोंमें पाकिस्तान भारत हो, बांग्लादेश भारत हो, चीनके पास खिसकी धरती भारतकी धरती हो, मानसरोवर कैलाश भारतके तीर्थ हों, शक्ति समन्वित सामञ्जस्यके बल पर शीघ्र ही भारत अखण्ड हो। काँची वाले महाभागने एकांतमें कहा — मैंने दूसरोंसे सुना है कि आप भरी सभामें कहते हैं कि गोहत्या बंद हो ? मैंने कहा इतना ही नहीं मैं तो बहुत कुछ कहता हूँ। तो सुनाइए क्या कहते हैं ? मैंने कहा कि गोहत्या बंद हो ! मैं कहता हूँ भरी सभामें भारत अखण्ड हो, गिने चुने वर्षोंमें पाकिस्तान भारत हो, बांग्लादेश भारत हो, चीनके पास खिसकी धरती भारतकी धरती हो, मानसरोवर कैलाश भारतके तीर्थ हों — यह भी मैं कहता हूँ। उन्होंने कहा और सुनाइये ; आप भी सुन लीजिए ताली मत बजाइये। गिने चुने वर्षोंमें पाकिस्तान भारत हो, बांग्लादेश भारत हो, चीनके पास खिसकी धरती भारतकी धरती हो, मानसरोवर कैलाश भारतके तीर्थ हों, शक्ति समन्वित सामञ्जस्यके बल पर शीघ्र ही भारत अखण्ड हो, यह भी मैं कहता हूँ।।