सनातन संविधान – “Hindu Law”

श्री हरि:
श्रीगणेशाय नमः

श्रियं सरस्वतीं गौरीं गणेशं स्कन्दमीश्वरम्।
ब्रह्माणं वह्निमिन्द्रादीन् वासुदेवं नमाम्यहम्॥


सनातन शासनतंत्र

धर्मनियंत्रित पक्षपातविहीन शोषणविनिर्मुक्त सर्वहितप्रद सनातन शासनतंत्र हमारा लक्ष्य है।

सुसंस्कृत, सुशिक्षित, सुरक्षित, सम्पन्न, सेवापरायण, स्वस्थ, और सर्वहितप्रद व्यक्ति तथा समाजकी संरचना राजनीतिकी मन्वादि धर्मशास्त्रसम्मत विश्वस्तरपर सर्वसम्मत सार्वभौम परिभाषा है।

अन्योंके हितका ध्यान रखते हुए हिंदुओंके अस्तित्व और आदर्शकी रक्षा, देशकी सुरक्षा और अखंडताके लिए कटिबद्धता हमारा व्रत है।


पुस्तक – नीतिनिधि। पृष्ठ संख्या – ५३२