प्रजा के पाँच भय
राजकर्त्तव्य, राजधर्मश्री हरि:
श्रीगणेशाय नमः
नारायणाखिलगुरो भगवन् नमस्ते

राजधर्म से सम्बंधित जानकारी। महाभारत के शांति-पर्व से राजधर्म का वर्णन। पूज्य गुरुदेव की पुस्तक से राजधर्म की व्याख्या।




धर्मयुद्धका निमन्त्रण नहीं भेजा जाता, जो वीर होते हैं वो स्वयं मैदानमें आ जाते हैं।
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