Category: राजधर्म
राजधर्म से सम्बंधित जानकारी। महाभारत के शांति-पर्व से राजधर्म का वर्णन। पूज्य गुरुदेव की पुस्तक से राजधर्म की व्याख्या।
"लक्ष्मी, सरस्वती, गौरी, गणेश, कार्तिकेय,
राज्याङग – राज्य के सात अँग
राजधर्म, राष्ट्रोत्कर्ष अभियानश्री हरि:
श्रीगणेशाय नमः
श्रियं सरस्वतीं गौरीं गणेशं स्कन्दमीश्वरम्।
ब्रह्माणं वह्निमिन्द्रादीन् वासुदेवं नमाम्यहम्॥
"लक्ष्मी, सरस्वती, गौरी, गणेश, कार्तिकेय,
शिव, ब्रह्मा एवम् इन्द्रादि देवोंको तथा
वासुदेवको मैं नमस्कार करता हूँ।।"
राजा के प्रात्यहिक (दैनिक) राजकर्म
राजकर्त्तव्य, राजधर्मश्री हरि:
श्रीगणेशाय नमः
श्रियं सरस्वतीं गौरीं गणेशं स्कन्दमीश्वरम्।
ब्रह्माणं वह्निमिन्द्रादीन् वासुदेवं नमाम्यहम्॥
"लक्ष्मी, सरस्वती, गौरी, गणेश, कार्तिकेय,
शिव, ब्रह्मा एवम् इन्द्रादि देवोंको तथा
वासुदेवको मैं नमस्कार करता हूँ।।"
धर्मयुद्धका निमन्त्रण
क्षात्रधर्म, राजधर्म, हिन्दूराष्ट्रश्री हरि:
श्रीगणेशाय नमः
श्रियं सरस्वतीं गौरीं गणेशं स्कन्दमीश्वरम्।
ब्रह्माणं वह्निमिन्द्रादीन् वासुदेवं नमाम्यहम्॥
"लक्ष्मी, सरस्वती, गौरी, गणेश, कार्तिकेय,
शिव, ब्रह्मा एवम् इन्द्रादि देवोंको तथा
वासुदेवको मैं नमस्कार करता हूँ।।"
धर्मयुद्धका निमन्त्रण नहीं भेजा जाता, जो वीर होते हैं वो स्वयं मैदानमें आ जाते हैं।
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