April 20, 2025November 24, 2025 - आर्यवीर भोगापवर्गप्रदायक प्रकल्पका क्रियान्वयनसनातन धर्म, हिन्दुओंकी वस्तुस्थिति श्री हरि: श्रीगणेशाय नमः नारायणाखिलगुरो भगवन् नमस्ते श्रियं सरस्वतीं गौरीं गणेशं स्कन्दमीश्वरम्। ब्रह्माणं वह्निमिन्द्रादीन् वासुदेवं नमाम्यहम्॥ "लक्ष्मी, सरस्वती, गौरी, गणेश, कार्तिकेय,शिव, ब्रह्मा एवम् इन्द्रादि देवोंको तथावासुदेवको मैं नमस्कार करता हूँ।।" Read More
April 20, 2025November 24, 2025 - आर्यवीर स्वकर्मणा सिद्धिं विन्दतिसनातन वर्णाश्रमव्यवस्था, हिन्दुओंकी वस्तुस्थिति श्री हरि: श्रीगणेशाय नमः नारायणाखिलगुरो भगवन् नमस्ते श्रियं सरस्वतीं गौरीं गणेशं स्कन्दमीश्वरम्। ब्रह्माणं वह्निमिन्द्रादीन् वासुदेवं नमाम्यहम्॥ "लक्ष्मी, सरस्वती, गौरी, गणेश, कार्तिकेय,शिव, ब्रह्मा एवम् इन्द्रादि देवोंको तथावासुदेवको मैं नमस्कार करता हूँ।।" Read More
April 19, 2025November 24, 2025 - आर्यवीर अन्त्यजों द्वारा ब्राह्मणोंका साथ छोड़नासनातन धर्म, सनातन वर्णाश्रमव्यवस्था, हिन्दुओंकी वस्तुस्थिति, हिन्दूराष्ट्र श्री हरि: श्रीगणेशाय नमः नारायणाखिलगुरो भगवन् नमस्ते श्रियं सरस्वतीं गौरीं गणेशं स्कन्दमीश्वरम्। ब्रह्माणं वह्निमिन्द्रादीन् वासुदेवं नमाम्यहम्॥ "लक्ष्मी, सरस्वती, गौरी, गणेश, कार्तिकेय,शिव, ब्रह्मा एवम् इन्द्रादि देवोंको तथावासुदेवको मैं नमस्कार करता हूँ।।" Read More
April 19, 2025November 24, 2025 - आर्यवीर महायन्त्रप्रवर्तनम्राष्ट्रोत्कर्ष अभियान, सनातन धर्म, हिन्दुओंकी वस्तुस्थिति श्री हरि: श्रीगणेशाय नमः नारायणाखिलगुरो भगवन् नमस्ते श्रियं सरस्वतीं गौरीं गणेशं स्कन्दमीश्वरम्। ब्रह्माणं वह्निमिन्द्रादीन् वासुदेवं नमाम्यहम्॥ "लक्ष्मी, सरस्वती, गौरी, गणेश, कार्तिकेय,शिव, ब्रह्मा एवम् इन्द्रादि देवोंको तथावासुदेवको मैं नमस्कार करता हूँ।।" Read More
April 18, 2025November 24, 2025 - आर्यवीर हिन्दू आदर्शोंका विलोपसनातन धर्म, हिन्दुओंकी वस्तुस्थिति श्री हरि: श्रीगणेशाय नमः नारायणाखिलगुरो भगवन् नमस्ते श्रियं सरस्वतीं गौरीं गणेशं स्कन्दमीश्वरम्। ब्रह्माणं वह्निमिन्द्रादीन् वासुदेवं नमाम्यहम्॥ "लक्ष्मी, सरस्वती, गौरी, गणेश, कार्तिकेय,शिव, ब्रह्मा एवम् इन्द्रादि देवोंको तथावासुदेवको मैं नमस्कार करता हूँ।।" Read More
April 17, 2025November 24, 2025 - आर्यवीर धर्म और अर्थ नामक पुरुषार्थोंका विलोपसनातन धर्म, हिन्दुओंकी वस्तुस्थिति श्री हरि: श्रीगणेशाय नमः नारायणाखिलगुरो भगवन् नमस्ते श्रियं सरस्वतीं गौरीं गणेशं स्कन्दमीश्वरम्। ब्रह्माणं वह्निमिन्द्रादीन् वासुदेवं नमाम्यहम्॥ "लक्ष्मी, सरस्वती, गौरी, गणेश, कार्तिकेय,शिव, ब्रह्मा एवम् इन्द्रादि देवोंको तथावासुदेवको मैं नमस्कार करता हूँ।।" Read More