व्यासपीठ और शासनतंत्र में सैद्धांतिक सामंजस्य
श्री हरि:
श्रीगणेशाय नमः
श्रियं सरस्वतीं गौरीं गणेशं स्कन्दमीश्वरम्।
ब्रह्माणं वह्निमिन्द्रादीन् वासुदेवं नमाम्यहम्॥
नीतिनिधि पुस्तक
जिन लोगों ने हमपर आक्रमण करके विजयश्री प्राप्त की,
उनको भी मालूम था कि क्षात्रधर्म हमारा शिथिल हुआ,
और ब्राह्मण – क्षत्रियों का तालमेल बिखर गया,
तब वो आक्रमण करने में समर्थ हुए।
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