This website provides the blueprint for a Hindu Rashtra – its basis, its structure, its Constitution (Samvidhan); and what should be done to make India a Hindu Rashtra. We envision Hindu Rashtra as a federation of traditional Indian City States (Princely States or Riyasats) organised under the Central Indian Government (Monarchical Kingdom). National Defence and Foreign Affairs will come under the domain of Central Monarchical Kingdom, while individual kingdoms can decide other matters as per their suitability. |
We further explore the traditional rights & duties of a Hindu Kshatriya King towards his Praja (subjects), as he strives to ensure security, order, growth and harmony within the nation. It details the ideal qualities of the King of India (Chakravarti Samrat), and of the kings of various nation states within India. The website attempts to outline the ideal structure of Ministries and Armed Forces. We also discuss the economic, defence, agriculture, education and foreign policies that should be pursued by Hindu Rashtra. |
There are severe shortcomings in the currently established model – democracy, which is based on individualism. It doesn’t align with the idea of a Hindu Rashtra because it is rooted in Hindu Varnashrama Vyavastha. India can become a Hindu Rashtra only if we adopt a monarchical (Rajtantra) model of governance based on Kshatra Dharma. |
यह वेबसाइट हिंदूराष्ट्र की रूपरेखा प्रदान करती है – इसका आधार, इसकी संरचना, इसका संविधान; और भारत को हिंदूराष्ट्र बनाने के लिए क्या किया जाना चाहिए। हम हिंदूराष्ट्र की कल्पना पारंपरिक भारतीय रियासतों के संघ के रूप में करते हैं जो केंद्रीय भारतीय सरकार (राजशाही साम्राज्य) के अधीन संगठित हों। राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश मामले केंद्रीय राजशाही साम्राज्य के अधिकार क्षेत्र में आएंगे, जबकि अन्य मामलों पर अलग-अलग राज्य अपनी सुविधानुसार निर्णय ले सकेंगे। |
यहाँ एक हिंदू क्षत्रिय राजा के अपनी प्रजा के प्रति पारंपरिक अधिकारों और कर्तव्यों का पता लगाने का प्रयास किया गया है, ताकि वह राष्ट्र के भीतर व्यवस्था, विकास, सुरक्षा और सद्भाव सुनिश्चित कर सके। यह भारत के सार्वभौम राजा और भारत के भीतर विभिन्न रियासतों के राजाओं के आदर्श गुणों का विवरण देता है। यह वेबसाइट आर्थिक, रक्षा, कृषि, शिक्षा और विदेश नीतियों की आदर्श संरचना को रेखांकित करने का प्रयास करती है। हिंदूराष्ट्र में किस प्रकार से मंत्रालयों और सेना की संरचना जानी चाहिए, इस पर भी प्रकाश डालने का प्रयास किया गया है। |
क्षात्रधर्म (राजधर्म) की जड़ें वैदिक वर्णाश्रमव्यवस्था में हैं, और ये वर्तमान में स्थापित तंत्र – लोकतंत्र से मेल नहीं खाती क्योंकि यह व्यक्तिवाद पर आधारित है। भारत हिंदूराष्ट्र तभी बन सकता है जब क्षात्रधर्म पर आधारित शासन का मॉडल (अथार्थ राजतंत्र) अपनाया जाएँ। |

भारत की रियासतों का नक़्शा (स्वतंत्रता से पूर्व, 1942)
यह प्रकल्प – hindurashtra.info वेबसाइट
यह प्रकल्प
भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के उद्धेश्य से किया जा रहा है।
हिंदू राष्ट्र की यह रूपरेखा वेदों,
पुराणों, रामायण,
महाभारत आदि शास्त्रों से, और उचित धार्मिक पुस्तकों से
अलग अलग संदर्भ में ली गई है।
क्षत्रियों (राजपूतों) के पिछले एक हज़ार वर्षों के शौर्य,
पराक्रम और संगठनात्मक कौशल के भी संदर्भ हैं।
कुछ भी लिखने से पहले राष्ट्रसमर्पित संतों, उचित ब्राह्मणों या ट्विटर(एक्स) पर उपस्थित
पारम्परिक सोच के विद्वानों से मार्गदर्शन प्राप्त किया गया है।
उसके बाद भी कुछ त्रुटियाँ हो सकती हैं, जिसके लिए क्षमाप्रार्थी हैं।
इस वेबसाइट में कई स्थानों पर वेदों, पुराणों,
श्रीमद्भगवद्गीता, रामायण, महाभारत
और राष्ट्रसमर्पित संतों की पुस्तकों से छंद
और व्याख्यान लिए गए हैं।
शास्त्रों के अनुसार केवल ब्राह्मणों को ही शास्त्र आदि की शिक्षा देने
का अधिकार प्राप्त है। इस विषय पर जगद्गुरु पूरी शंकराचार्य महाभाग ने एक
प्रश्न के उत्तर में कहा था कि जो ब्राह्मण नहीं हैं, वे यदि शास्त्रों के
ज्ञान का प्रचार-प्रसार करें तो कभी भी व्यासगद्दी पर बैठने की मंशा से ना करें।
भारत को हिंदूराष्ट्र बनाने से अधिक कोई इच्छा या लक्ष्य है ही नहीं।